रम्भा एक प्रसिद्ध अप्सरा है जो हिन्दू पौराणिक कथाओं, जैसे महाभारत और पुराण, में उल्लेखित है। रम्भा के बारे में कुछ मुख्य कथाएं निम्नलिखित हैं:
1. रम्भा और विश्वामित्र:
रम्भा का प्रसिद्ध प्रसंग महाभारत में आता है, जिसमें ऋषि विश्वामित्र और अप्सरा रम्भा के बीच का एक घटना वर्णन होता है। विश्वामित्र ने तपस्या में इतना व्यस्त था कि इंद्र की आसुरी पुत्री मेनका को विश्वामित्र के तपस्या को बिगाड़ने के लिए भेजा गया। मेनका, जब विश्वामित्र के पास आई, उनके तपस्या को बिगाड़ने में असफलता पाई और उन दोनों के बीच प्रेमिका-भाव उत्पन्न हुआ। इस प्रेमिका-भाव से रम्भा का जन्म हुआ।
2. प्रेमिका-भाव की कहानी:
रम्भा और विश्वामित्र के बीच का प्रेमिका-भाव का वर्णन कुछ कथाओं में अलग-अलग होता है। कुछ कथाएं बताती हैं कि मेनका ने इंद्र की अज्ञात आदेश के तहत विश्वामित्र को भटकाने के लिए रम्भा को भेजा था। जबकि दूसरी कथाएं यह कहती हैं कि रम्भा ने अपने स्वभाव से ही विश्वामित्र को आकर्षित किया था। इस प्रेमिका-भाव के परिणामस्वरूप, उनका पुत्र शकुन्तला भी उत्पन्न हुआ।
3. शकुन्तला की उत्पत्ति:
रम्भा के प्रेमिका-भाव से विश्वामित्र के साथ होने से शकुन्तला का जन्म हुआ। शकुन्तला महाभारत और पुराणों में प्रसिद्ध है, और उसकी कथा कालिदास के महाकाव्य "अभिज्ञान शाकुन्तलम" में भी प्रसंगित की गई है।
4. रम्भा और नल-दमयंती:
एक और प्रसंग के मुताबिक, रम्भा का नाम महाभारत में आता है जब नल और दमयंती की कथा में उनका उल्लेख होता है। यह कथा कहती है कि रम्भा नल को अपने रूप से प्रभावित कर देती है, जिसके कारण नल और दमयंती के बीच में विवाद उत्पन्न होता है।
ये कुछ प्रसिद्ध कथाएं हैं जो रम्भा के विषय में मिलती हैं
। हर कथा अपने अपने धार्मिक और सांस्कृतिक सन्दर्भ में महत्वपूर्ण होती है।
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